मालूम हो कि रुचि सोया दिसंबर 2017 में दिवालिया प्रक्रिया में शामिल हुई थी। एनसीएलटी ने मामले में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और डीएसबी बैंक की पहल के बाद दिवाला संबंधी याचिका स्वीकार की थी। रुचि सोया ने एनसीएलटी को कहा था कि पतंजलि समूह रोजोल्यूशन प्लान के तहत 204.75 करोड़ रुपए की इक्विटी डालेगा और 3233.36 करोड़ रुपए कर्ज के रूप में होगा। इससे पहले इस साल 30 अप्रैल को कर्जदाताओं के समिति ने रुचि सोया के अधिग्रहण संबंधी पतंजलि समूह की 4350 करोड़ के रोजोल्यूशन प्लान को स्वीकार कर लिया था। वहीं कुछ दिन पहले भी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि एसबीआई ने पतंजलि आयुर्वेद को अकेले लोन की राशि देने से इनकार कर दिया है। रिपोर्ट्स में बैंक अधिकारी के हवाले से पतंजलि समूह से जुड़ी वित्तीय सूचनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं होने के साथ ही इसके मल्टीनेशनल नहीं होने की बात को भी कहा गया था। इसके बाद पतंजलि समूह ने कहा था कि वह फंड के लिए वैकल्पिक उपायों पर विचार कर रही है।
रामदेव की पतंजलि को बैंकों से मिला 3200 करोड़ रुपए का लोन
7:19 PM
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