
यह मियाद पूरी हो जाने पर ग्राहकों से डिजिटल पेमेंट लेने की व्यवस्था नहीं की गई तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। अब डिजिटल पेमेंट लेने से वे मुकर नहीं सकेंगी. सरकार अर्थव्यवस्था में नकदी को कम करना चाहती है. वह कैशलेस इकनॉमी की तरफ बढ़ने के लिए लगातार कदम उठा रही है. इसी के तहत यह फैसला किया गया है.
1 फरवरी, 2020 से अगर डिजिटल माध्यमों से ऐसे प्रतिष्ठान पेमेंट को स्वीकार नहीं करेंगे तो उन पर रोजाना के हिसाब से 5,000 रुपये की पेनाल्टी लगेगी. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक तरीके से पेमेंट को स्वीकार करने के लिए अपने यहां पर्याप्त उपाय करने होंगे. वे आसानी से यह काम कर लें, इसके लिए उन्हें काफी समय दिया गया है.
सीबीडीटी ने अपने सर्कुलर में कहा है कि जो कोई भी इस दायरे में आता है और 31 जनवरी तक डिजिटल पेमेंट स्वीकार करने की व्यवस्था कर लेता है, उस पर पेनाल्टी नहीं लगेगी. ऐसा नहीं करने पर फाइनेंस एक्ट के सेक्शन 271 डीबी के तहत जुर्माना लगाया जाएगा.
डिजिटल इकनॉमी को बढ़ावा देने के लिए इनकम टैक्स एक्ट में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है. इसके अनुसार, ऐसे किसी व्यक्ति को जिसका सालाना टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से ज्यादा है, उसे इलेक्ट्रॉनिक तरीके से पेमेंट स्वीकार करने के लिए अनिवार्य रूप से सुविधा देनी होगी.