घर में प्रयोग की जाने वाली ये चीजे कैंसर को देती हैं बढ़ावा, जानिए क्या है विकल्प

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    कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका चपेट में आते ही व्यक्ति जीने व बचने की उम्मीद छोड़ देते है। यह बीमारी जितनी खतरनाक है उतनी ही तेजी से फैल भी रही है। जिसका कही ना कही कारण हमारा बिगड़ा लाइफस्टाइल ही है। अगर आपकी किचन में भी इनमें से कोई चीज मौजूद है तो बेहतर होगा कि आप उसे हटा दें।
प्लास्टिक का सामान
    प्लास्टिक, बिस्फेनॉल ए (बीपीए) नामक कैमिकल से तैयार की जाती है। यह कैमिकल शरीर में पहुंकर इम्यून सिस्टम व हार्मोन्स पर असर डालता खासकर जब इन प्लास्टिक कंटेनरों में गर्म किया जाता है। इससे निकलने वाले टॉक्सिंस इंसुलिन को बढ़ाकर फैट सेल्स को रिलीज करते हैं, जो कैंसर का संभावना बढ़ा देते हैं।
वैकल्पिक: इसकी जगह पर मिट्टी, तांबे या कांच से बने बर्तनों का इस्तेमाल किया जाए तो अच्छा है।
गंदा पानी
  कही ना कही गंदा पानी भी इस बीमारी को बढ़ावा देता है। नदियों में मिक्स होते कैमिकल इसके खतरे को और भी बढ़ा देते हैं।
वैकल्पिक: साफ पानी पीएं और अगर घर में एक्वा प्यूरीफायर नहीं है तो पानी को उबाल कर पीएं।
माइक्रोवेव पॉपकॉर्न
    टीवी या फिल्म देखते हुए आप पॉपकॉर्न तो बड़े मजे से खाते हैं लेकिन अगर आप इसे माइक्रोवेव में बनाते हैं तो यह सेहत के लिए खतरनाक हो सकते हैं। दरअसल, जब माइक्रोवेव में पैकेट को गर्म किया जाता है तो वो ऐसे केमिकल्स छोड़ता है जो पॉपकॉर्न में मिलकर फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते है। इससे फेफड़ों का कैंसर की संम्भावना भी बढ़ती है।
वैकल्पिक: इसकी जगह पर नार्मल तरीके से बने पॉपकॉर्न खाएं। ज्यादातर चीजें माइक्रोवेव में बनी चीजें अवाइड करें।
डिब्बाबंद पैकड चीजें
   बिजी शेड्यूल के चलते लोग पैकड बने बनाए फूड्स की ओर ज्यादा भागते हैं लेकिन सेहत के लिहाज से यह खाना आपके लिए हानिकारक है।
वैकल्पिक: इसकी बजाए घर का ताजा बना खाना खाएं तो बेहतर है।
रिफाइंड चीनी
   कैंसर का एक कारण रिफांइड चीनी और हाई-फ्रुटोज कॉर्न सीरप भी है। ब्राउन शुगर में कलर और फ्लेवर मिलाए जाने के कारण यह ज्यादा खतरनाक हो जाती है। रिफाइंड चीनी से शरीर के अंदर कैंसर सेल्स बढ़ते है।
वैकल्पिक: इसकी जगह नेचुरल शुगर का इस्तेमाल करें।
कार्बोनेटिड ड्रिंक
    कार्बोनेटिड ड्रिंक्स भी सेहत के लिए हानिकारक है। दरअसल, बोतल में भरी ऐसी ड्रिंक्स में कार्बोहाइड्रेट होता है। साथ ही इसमें मौजूद हाई-फ्रुटोज कॉर्न सीरप, तरह-तरह के कैमिकल्स और कलर्स भी होते हैं, जोकि कैंसर सेल्स को बढ़ावा देते हैं।
वैकल्पिक: इसकी जगह पर जूस, नारियल पानी या घर की बनी ड्रिंक पीएं। साथ ही दिनभर में कम से कम 8-9 गिलास पानी पीएं।
रिफाइंड या वेजिटेबल ऑयल
    रिफाइंड व वेजिटेबल ऑयल को लंबे समय तक चलाने के लिए हाइड्रोजन और अन्य रासायनिक प्रतिक्रिया द्वारा बनाया जाता है। वहीं तेल को रिफाइन करने के एसिड और इसकी तीखी गंध को दूर करने के लिए हेक्सानॉल नामक एक रसायन का यूज होता है, जो हृदय रोग, इम्यून सिस्टम और कैंसर को बढ़ावा देते हैं।
वैकल्पिक: इसकी बजाए आप खाना बनाने के लिए नेचुरल तेल जैसे नारियल, सरसों के तेल का यूज करें। इससे कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है और कैंसर का खतरा भी कम होता है।
एल्युमिनियम फॉयल
    डब्ल्यूएचओ के अनुसार, शरीर के लिए 50 मिलीग्राम एल्यूमीनियम सही होता है। वहीं फॉयल में पैक्ड फूड में करीब 2-5 मिलीग्राम एल्यूमीनियम होता है। दरअसल, फॉयल की यह मात्रा बॉडी में जिंक के अवशोषण में समस्या पैदा करती है जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा इससे बोन डेंसिटी भी कम होती है।
वैकल्पिक: इसकी बजाए आप बटर पेपर या सूती कपड़े का यूज करें।
केमिकल युक्त फल व सब्जियां
   आप बाजार से जिस फल व सब्जी को ताजा समझकर घर ले आते हैं, उनमें बहुत से केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। कई बार धोने से भी यह केमिकल साफ नहीं होते और कैंसर का कारण बनते हैं।
वैकल्पिक: इससे बचने के लिए आप ऑर्गेनिक फल और सब्जियों का इस्तेमाल कर सकते हैं या घर पर ही सब्जियां उगाएं।
एयर फ्रेशनर
   हर घर में इस्तेमाल होने वाले एयर फ्रेशनर ऐसे खतरनाक एयरसील कंटेनर में आता है जिससे आप कैंसर का शिकार हो सकते है। इसके अलावा यह अस्थमा का कारण भी बन सकता है।
वैकल्पिक: घर की बदबू को दूर करने के लिए आप फूल-पौधे लगाएं।

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