दुनिया की सबसे बड़ी रसोई कहाँ स्थित है?

0

   भारत के हर कोने में आपको खाने के अलग- अलग स्वाद चखने को मिलेंगे। यही वजह है कि देश की हर रसोई के अपना अलग महत्व और टेस्ट है। जहां पंजाब में सरसों का साग और मक्के दी रोटी की महक दिल और पेट दोनों को खुश कर देती है। तो राजस्थान की दाल- बाटी चुरमा खाने का अलग ही मजा है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहा है देश की कुछ ऐसी सबसे बड़ी रसोइयों के बारे में जहां रोज हजारों लोगों का खाना बनाया जाता है।स्वर्ण मंदिर
   अमृतसर में बने स्वर्ण मंदिर सिख समाज का सबसे प्रसिद्ध और पूजनीय गुरुद्वारा माना जाता है। यहां गुरु का लंगर बेहद मशहूर है। यहां रोजना 1 लाख से ज्यादा लोगों को प्रसाद दिया जाता है। इस लंगर पर कोई भी शुल्क नहीं लगता। गुरुद्वारे के इस लंगर को विश्व की सबसे बड़ी रसोई की तौर पर देखा जाता है
जगन्नाथ मंदिर
   भगवान जगन्नाथ मंदिर में रोजाना 56 भोग का प्रसाद भगवान को लगाया जाता है जो कि मंदिर की रसोई में ही बनाया जाता है। जिसकी वजह से ही यह जगन्नाथ मंदिर की रसोई सबसे विशाल रसोई में से एक आती है।
इस्कॉन मंदिर
    इस्कॉन मंदिर केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व भर में फैले हुए है। इस्कॉन मंदिर मे कई हजार भक्तजन दर्शन करने के लिए वहां आते है। वैसे तो इन मंदिरों में हजारों लोगों का प्रसाद रोजना बनाया जाता है लेकिन जन्माष्टमी वाले दिन यहां रसोई में बनाने वाले प्रसाद की मात्रा कई गुणा ज्यादा होती है।
तिरुपति बालाजी
   आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध मंदिर तिरुपति बालाजी में भी हर रोज भूखों को खाना खिलाने का काम किया जाता है। मंदिर की रसोई का नाम अन्नदानम रखा गया है। अन्नदानम का मतलब है लोगों को भोजन या अन्न दान करना। इस मंदिर में आने वाले सभी श्रधालुओं को रोजाना इस खाने या प्रसाद ग्रहण करने के लिए बोला जाता है।
धर्मस्थला
    धर्मस्थला में भगवान शिव के इस मंजुनाथ मंदिर में 50 हजार से ज्याद भक्त दर्शन करने आते है और बात करें यहां की रसोई की तो हर रोज यहां इतने ही लोगों का खाना बनाया जाता है।
शिरडी
   महाराष्ट्र में स्थित शिरडी साई बाबा के मंदिर में रोजना 40 से 50 हजार लोग दर्शन करने के लिए आते है और इन सभी भक्तों के खाने का इंतजाम यहां की रसोई में किया जाता है।
अक्षय पात्र
   अक्षय पात्र केवल एक ऐसा एनजीओ है जिसकी रसोई में हर रोज करीब 15 मिलियन बच्चों के लिए खाना बनाया जाता है जो की काफी गर्व की और बड़ी बात है।

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !
To Top