युवा वर्ग को मानसिक अवसाद से संगीत ही बचा सकता है - ओमप्रकाश जेठवा

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  संगीत विश्लेषक जेठवा का हुआ सम्मान  
    डूंगरपुर/राजस्थान।। डूंगरपुर के जाने-माने संगीतज्ञ वादक तथा विश्लेषक ओमप्रकाश जेठवा का दिल की आवाज मंच पर सम्मान हुआ। दिल की आवाज ग्रुप आफ म्यूजिक लवर के संचालक गिरीश जोशी ने सर्वप्रथम ओमप्रकाश जेठवा द्वारा किए गए संगीत के माध्यम से युवाओं में भारतीय संस्कृति तथा शास्त्रीय गायन के योगदान तथा सहयोग पर परिचय करवाया। तत्पश्चात ग्रुप के सहयोगी संचालक श्रीमान बद्री भाई सुथार द्वारा ऊपरणा ओढ़ाकर जेठवा का स्वागत अभिनंदन किया गया।
 
Omprakash Jethwa
  ओमप्रकाश जेठवा ने संगीत विश्लेषण करते हुए बताया कि आज का युवा वर्ग किसी ना किसी तरह से मानसिक अवसाद में है, चाहे पारिवारिक रूप से या बेरोजगारी के कारण या अत्यधिक पढ़ाई या बोझ के कारण डिप्रेशन में रहता है, जिसका इलाज केवल संगीत मात्र है, संगीत ही ऐसी मेडिसिन है जिसके सुनने तथा गायन वादन करने से व्यक्ति अवसाद मुक्त हो सकता है। संगीत के कई रागों के माध्यम से अनेकों बीमारियों का इलाज होना बताया गया। 
Omprakash Jethwa
 
  दिल की आवाज पर विश्लेषण करते हुए बताया कि नाभि से जो आवाज निकलती है, वही दिल की आवाज है संगीतज्ञ को हमेशा खरज स्वर में गुनगुनाते हुए नाभि से आवाज निकालने का रियाज करते रहना चाहिए क्योंकि नाभि का कांटेक्ट शरीर के हर अंगों से होता है, नाभि में रात्रि कालीन तेल लगाने से कई प्रकार की बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है क्योंकि नाभि को पता होता है कि शरीर के किस अंग में खराबी है और वह रिपेयर करने में जुट जाती है ठीक उसी प्रकार नाभि से निकली आवाज जिसे हम अनहद नाद भी कहते हैं, जिसके रियाज से संगीत गायन में एक नया ही निखार आएगा व्यक्ति डिप्रेशन मुक्त रहेगा, किंतु आज ध्वनि प्रदूषण वाले कानफोडू संगीत का क्रेज बढ़ते जा रहा है, जिससे बचना होगा तथा रागों पर आधारित शास्त्रीय संगीत की ओर हमें ढलना चाहिए। अंत में गिरीश जोशी तथा बद्री भाई सुथार ने संगीत विश्लेषण तथा दिल की आवाज मंच पर पधारने हेतु ओमप्रकाश जेठवा का आभार व्यक्त किया।

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